Punjab news: पंजाब के DGP ने जगजीत सिंह डालिवाल की सेहत को लेकर जताई चिंता, कहा- ‘पंजाब को उनकी जरूरत है’
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Punjab news: पंजाब में किसान आंदोलन के प्रमुख नेता जगजीत सिंह डालिवाल का स्वास्थ्य इन दिनों गंभीर स्थिति में है, और उनका अनशन राज्य और देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस स्थिति के बीच, पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव और गृह मंत्रालय के निदेशक मयंक मिश्रा ने किसान नेता से मिलने के लिए खनौरी बॉर्डर का दौरा किया। यह मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली, जिसमें डालिवाल की तबीयत का हाल-चाल लिया गया। इस मुलाकात के बाद DGP गौरव यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब को जगजीत सिंह डालिवाल की आवश्यकता है, और उनकी स्थिति के प्रति राज्य सरकार और मुख्यमंत्री विशेष रूप से चिंतित हैं।
उच्च न्यायालय के आदेश पर हुई मुलाकात
DGP गौरव यादव ने बताया कि यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत हुई है। उच्च न्यायालय ने जगजीत सिंह डालिवाल के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किए थे कि उन्हें बल का प्रयोग किए बिना चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए। इस आदेश के बाद DGP और मयंक मिश्रा ने डालिवाल से मिलने का निर्णय लिया और उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसानों के वरिष्ठ नेता से अनुरोध किया गया कि उन्हें जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
पंजाब को डालिवाल की जरूरत है
DGP ने आगे कहा कि जगजीत सिंह डालिवाल केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब के लिए जरूरी हैं। उनकी सेहत पर राज्य सरकार गहरी चिंता व्यक्त कर रही है, और पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए केंद्र से बातचीत करने की कोशिशें शुरू की हैं। उनका उद्देश्य किसानों की मांगों को लेकर केंद्र के साथ संवाद स्थापित करना और इन समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकालना है।
उन्होंने यह भी कहा कि खाने के लिए अनशन पर बैठे डालिवाल की जान की सलामती को ध्यान में रखते हुए, खनौरी बॉर्डर पर अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही, केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के माध्यम से इस मुद्दे पर जल्द बातचीत के रास्ते खुलने की उम्मीद जताई गई है।
केंद्र से आश्वासन के बिना अनशन समाप्त नहीं करेंगे डालिवाल
हालांकि इस बैठक के बाद, जगजीत सिंह डालिवाल ने साफ तौर पर कहा कि वह किसी भी तरह के अनौपचारिक या अप्रत्यक्ष शब्दों से अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अपनी बातों में यह सुझाव दिया कि वह अनशन खत्म कर आंदोलन को जारी रखें, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह तब तक अपना अनशन नहीं समाप्त करेंगे जब तक केंद्र से उनके द्वारा उठाई गई मांगों पर ठोस आश्वासन नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को पूरा किए बिना इस आंदोलन को समाप्त नहीं किया जाएगा। डालिवाल ने यह भी कहा कि उनकी स्थिति में बदलाव तभी होगा जब सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए या तो कुर्बानियों को स्वीकार करेगी या फिर किसानों की मांगों को मान्यता दी जाएगी।
काका सिंह कोटड़ा का बयान
किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उच्च अधिकारियों का मुख्य उद्देश्य केवल डालिवाल की सेहत की जानकारी लेना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं और अन्य राजनीतिक तथा धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता भी इस समय खनौरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। काका सिंह ने इस बारे में कहा कि अधिकारियों को डालिवाल के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने के साथ-साथ किसानों के मुद्दे को भी ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब किसानों की आवाज को और अधिक मजबूती से उठाया जाए, ताकि उनकी मांगों का समाधान हो सके।
कृषि आंदोलन की पृष्ठभूमि
पंजाब में चल रहा यह किसान आंदोलन पहले की तुलना में कहीं अधिक व्यापक हो गया है। किसानों के आंदोलन ने पंजाब की राजनीति को प्रभावित किया है और इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी है। किसान नेता जगजीत सिंह डालिवाल और उनके साथ अन्य किसान संगठन केंद्र सरकार से कई प्रमुख मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। इन मांगों में मुख्य रूप से कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध, फसलों के उचित मूल्य की गारंटी और कृषि उपज की सही मूल्य निर्धारण की बात की जा रही है।
इस आंदोलन ने एक तरफ किसानों की स्थिति को उजागर किया है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच के तनाव को भी बढ़ाया है। किसान नेता अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं, और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता
इस संघर्ष को देखते हुए पंजाब सरकार ने केंद्र से बातचीत की अपील की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे को केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए सभी प्रयास किए हैं और आशा व्यक्त की है कि जल्द ही इस विवाद का समाधान निकलेगा।
DGP गौरव यादव और मयंक मिश्रा के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि सरकार किसान आंदोलन के प्रति संवेदनशील है और उनकी मांगों का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, किसान नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उन्हें केंद्र से ठोस आश्वासन नहीं मिलता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
किसान नेता जगजीत सिंह डालिवाल का अनशन केवल उनके स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे पंजाब और किसान समुदाय की आवाज है। उनकी सेहत और उनकी मांगों का समाधान दोनों ही सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। DGP गौरव यादव और मयंक मिश्रा की मुलाकात से यह स्पष्ट होता है कि सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए गंभीर है, लेकिन किसान नेताओं की मांगों के प्रति उनका रुख और अधिक स्पष्टता की मांग कर रहा है। इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका और किसानों के संघर्ष के परिणाम आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति और किसानों के भविष्य के लिए अहम होंगे।